सोमवार, 29 जून 2015

कोई रोये, हँसा करे कोई....





कोई रोये,  हँसा करे कोई..
वो न समझे तो क्या करे कोई..!

है अजब चीज भी मुहब्बत ये..

या खुदा अब भला करे कोई..!

आज दिल फिर उसी पे आया है..

आज फिर जाँ जला करे कोई..!

कल तलक वो मुझे नसीब न था..

आज इसका गिला करे कोई..!

चाँदनी ने हिज़ाब पहना है..

अब तो छुपके मिला करे कोई..!

पँछियों ने उड़ान भर ली है..

हाथ अब क्यूँ मला करे कोई..!

वो है मगरूर अपनी सूरत पे..

फ़िक़्र क्यूँ हो मिटा करे कोई..!

रंग जमाने का चढ़ गया है जब..

बात क्यूँ कर सुना करे कोई..!

ज़िन्दगी की उदास राहों में.. 

संग 'पूनम' चला करे कोई..!

***पूनम***

28 जून, 2015


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