शुक्रवार, 30 मई 2014

तुम्हारे लिए.....





उस रात जब चाँद 
मुस्कुराने की जुर्रत कर बैठा..
तब तुमने मेरी आँखें बंद दीं थीं
और कहा था कि मत देखो चाँद को...!
तुम्हें अच्छा नहीं लगता 
कि मैं किसी और को देखूं...!
जब पहाड़ों पर बारिश होती है
तुम मेरे इर्द गिर्द...
प्यार की बरसाती तान देते हो
तुम्हें पता होता है कि.. 
बारिश अब यहाँ होने वाली है..
तुम हर उस रौशनी से 
मुझे बचाने की कोशिश में लगे रहते हो...
जो तुम्हारे मेरे बीच आ जाती है...!
तुम हर उस पल को 
बर्फ सा जमा देना चाहते हो
जो हमने साथ साथ बिताया है...!
मुझे पता है...
इस बर्फ के पिघल कर 
फिर से पानी बनने के दौरान
तुम मुझे पल पल महसूस करना चाहते हो...!

***पूनम***
30/05/2014
( दिल्ली एअरपोर्ट...आज मौसम बहुत खराब है
और तुम्हारे अलावा कोई भी मेरे पास नहीं...)



सोमवार, 12 मई 2014

करूँ मैं क्या....मुझे आँसू दिखाना ही नहीं आता..




करूँ मैं क्या....मुझे आँसू दिखाना ही नहीं आता..
सबक सीखा गया तुझसे...सिखाना ही नहीं आता !

बड़ी बेदर्दियों से तुमने तोड़ा जिस तरह दिल को..
बहुत सी कोशिशें कीं पर...बनाना ही नहीं आता !

मुसलसल राह तेरे संग गुजरी तंग फिर भी..कुछ
सुकूं रहता तेरे संग...गर जमाना ही नहीं आता !

हमारे दरमियाँ अब फासले जो इस तरह से हैं,
मिटेंगे किस तरह हमसे...मिटाना ही नहीं आता !

कभी सोचा न था ये ज़िंदगी कुछ इस तरह होगी..
ज़माना भी सुने हमसे... फ़साना ही नहीं आता !

तुझे दें बद्दुआ अब हम...नहीं फ़ितरत हमारी है..
बुरी बातों को कहना और सुनाना ही नहीं आता !


***पूनम***
१२/०५/२०१४


गुरुवार, 8 मई 2014

आप जब से करीब आये हैं..



आप जब से करीब आये हैं..
गीत इस दिल ने गुनगुनाये हैं...!

मेरी आँखों में कुछ नमी सी है..
आप के अक्स झिलमिलाये हैं...!.

रात कुछ इस तरह हुई रौशन..
यूँ सितारे से टिमटिमाये हैं...!

हम बहुत देर तक रहे तन्हा..
आप आये तो मुस्कुराये हैं...!

रात 'पूनम' की आज आई है..
दिल पे अब आपके ही साये हैं...!


07/05/2014