बुधवार, 10 जुलाई 2013







मैं एतबार के काबिल उसे समझती रही
तमाम राज़ दिल के उससे share करती रही...
हमारे दिल की कहीं कोई ग़लतफ़हमी थी 
वो झूठ बोल रहा था बड़े सलीके से...!!




***पूनम***