उनसे नज़र मिली तो हम बेहोश हो गए..
नज़रों ने किया वार था तलवार की तरह...!!
छुप छुप के कोई देखता रहता है रात भर..
गोया छुपा हो बदलियों में चाँद की तरह...!!
हमने तो उसको एक ज़माने से नहीं देखा
दिल में वो रह रहा है मेरे यार की तरह....!!
मेरी ये मुस्कुराहटें उसकी उसकी नियामतें...
वो देखता है यूँ दिल-ए-बीमार की तरह...!!
आज और अभी...