रविवार, 31 मार्च 2013

बस यूँ ही.....






सब जान कर भी मुझसे...अनजान बन रहा है...
वो कुछ छुपा रहा है...मेरे साथ चलते चलते...!!

कुछ कहते कहते ही वो...खामोश हो गया था...
नज़रें वो पढ़ रहा था...मेरे साथ चलते चलते...!!

कुछ फासले हुए थे......कुछ रंजिशें बढ़ी थी...
फिर वो संभल गया है...कुछ चाल चलते चलते...!!

एक बात मैंने पूछी....वो जवाब दे न पाया...
फिर भी वो कह गया कुछ...मेरे साथ चलते चलते...!!

कुछ राज़ की हैं बातें...कुछ आम सी हैं बातें...
मेरे काम की हैं बातें...सरे राह चलते चलते....!! 


बस अभी अभी...
३१/०३/२०१३



गुरुवार, 14 मार्च 2013

तुम्हारा साथ.....







तुम्हारे साथ थी मैं कल..
और मैं कल भी रहूंगी..
तुम्हारे साथ हूँ आज...
और हमेशा रहूंगी..
तुम्हारी सांसों में हूँ..
मैं धड़कन में रहूंगी..
तुम्हारी बात में घुल जाउंगी..
मैं बन कर मिश्री..
तेरी मुस्कान बन के 
मैं तेरे होठों पे बसूंगी...
तेरे हाथों की गर्मी से 
पिघलता है मेरा मन..
मैं बन के आँसू एक बार
फिर से पलकों में सजूंगी...!!

***पूनम***



बुधवार, 13 मार्च 2013

सपना.....




                               

सपने कभी सच भी होते हैं....???
हाँ...! 
और नहीं भी...!!
कभी वो दिन थे कि..
सपने में भी बढ़ा हाथ
थाम लेता था चुपके से कोई...
और आज.....
ये बातें सपना सी लगती हैं....!!



सोमवार, 4 मार्च 2013

अब तुमसे क्या कहें.....






बाँहों में बाहें डाले....देखा किये तुम्हें...
महसूस हो रहा था क्या...अब तुमसे क्या कहें...!! 

खामोश तुम थे और मैं गुमसुम सी हो गयी..
कुछ तुमने भी कहा तो था...अब तुमसे क्या कहें..!!

थी चांदनी फैली हुई...हर सू फिज़ा में यूँ..
थी रात भी खामोश कुछ...अब तुमसे क्या कहें...!!

गाती थी ये हवा....मेरे कानों में इस तरह...
आवाज़ थी तेरी ही...मगर तुमसे क्या कहें....!!

आ जाओ अगर आ सको...फिर से तुम एक बार 
बेचैन है  ये दिल मेरा...अब तुमसे क्या कहें...!!


***पूनम***