उड़ता हुआ एक छोटा सा बादल
धीरे से नीचे उतर आया
जब मेरे गालों को छुआ उसने
तो एहसास हुआ मुझे कि..
वो मेरे करीब है...!
घबरा के मैंने आस-पास देखा
फिर देखा आसमान में
उसके जैसे न जाने
कितने नटखट बादल
हंस रहे थे मुझ पर,
मेरी हैरानी पर....!
एक ने आँखें झपकायीं,
एक ने मुंह को गोल किया
और एक सीटी मारी.....
तो ढेर सारी बूँदें टपक पड़ी
खिलखिलाकर मुझ पर
मैं तो बस सराबोर ही हो गई.....!
बाकी सब हंस-हंस कर
लोटपोट हो गए
मेरी इस बेचारगी पर !
मैंने आँख तरेरी
और उस छोटे से
बादल को धर दबोचा...
वह पहले तो कसमसाया
फिर मुस्कराता हुआ
मेरे हाथों से फिसल कर
अपने साथियों से जा मिला
आसमान में......!