याद तेरी आ जाती है.....
खेतों में जब फूली सरसों,
भूली - बीती बातें बरसों,
जब कोयल कू कू की आवाज़ लगाती है.....
याद तेरी आ जाती है !
सूरज ने फैलाई किरणें,
सागर की लहराई लहरें,
जब दौड़-दौड़ के ये तट को छू जाती हैं......
याद तेरी आ जाती है !
संझा को पंछी घर आते,
याद आते कुछ बिछड़े नाते,
जब तुलसी-चौरा में कोई दिया जलाती है.....
याद तेरी आ जाती है !
पलकों में मेरी नींद नहीं,
नैनों में कोई स्वप्न नहीं,
छत पर पसरी शीतल चाँदनी जलाती है......
याद तेरी आ जाती है !