हमारा मोबाईल.......
मैंने बहुतों को देखा है...
जो अपना मोबाईल...
अपने से ऐसे
चिपका के रखते हैं...
जैसे दो शरीर एक जान हों...!
उन्हें देख कर मुझे
कुछ ऐसे ख़्याल आये....
मेरा मोबाईल...
रहता है हर समय
मेरे हाथ में.
क्यूंकि..
न जाने कब
निकल कर मेरे सामने
खड़े हो जाते हो तुम !
न जाने कब
मोबाईल से निकल कर
मेरा हाथ थाम कर
साथ-साथ चलने लगते हो तुम !
और न जाने कब
मोबाईल से निकल कर
एक प्यारा सा चुम्बन
गालों पे मेरे
चिपका जाते हो !
और न जाने कब
तुम आओगे
मोबाईल से निकल कर
मेरे पास और.....
मुझे बाहों में समेट कर
धीरे से कहोगे
मेरे कानों में
कि....
तुम्हें मुझसे प्यार है....!!